श्री सूर्यदेव आरती (३)
जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव । रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता ॥ षटपत मन मुदकारी, हे दिनमणि ! ताता । जग के हे रविदेव, जय जय जय रविदेव ॥ नभमण्डल के वासी, ज्योति प्रकाशक देवा । निज जनहित सुखरासी, तेरी हमसब सेवा ॥ करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव । कनक बदन मन मोहित, रुचिर प्रभा प्यारी ॥ निज मंडल से मंडित, अजर अमर छविधारी । हे सुरवर रविदेव जय जय जय रविदेव ॥