श्री सरस्वती आरती (३)
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । सदूगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ मैया जय… सरस्वती जी की आरती चन्द्रवदीन पदूमासिनि, द्युति मंगलकारी । सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ मैया जय… बाएँ कर में वीणा, दाएं कर माला । शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥ मैया जय… देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया । पैठि मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ मैया जय… विधा ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो । मोह, अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥ मैया जय… धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो । ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्दर करो ॥ मैया जय… माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे । हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥ मैया जय… !! जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !! !! जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता !!