श्री संतोषी आरती (२)
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की । जय जय संतोषी माता जय जय माँ ॥ बड़ी ममता है बड़ा प्यार माँ की आँखों मे । बड़ी करुणा माया दुलार माँ की आँखों मे । क्यूँ ना देखूँ मैं बारम्बार माँ की आँखों मे । दिखे हर घड़ी नया चमत्कार आँखों मे । नृत्य करो झूम झूम, छम छमा छम झूम झूम, झांकी निहारो रे ॥ सदा होती है जय जय कार माँ के मंदिर मे । नित्त झांझर की होवे झंकार माँ के मंदिर मे । सदा मंजीरे करते पुकार माँ के मंदिर मे । वरदान के भरे हैं भंडार, माँ के मंदिर मे । दीप धरो धूप करो, प्रेम सहित भक्ति करो, जीवन सुधारो रे ॥