श्री शनिदेव आरती (१)

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी । सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥ जय०॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ॥ श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी । नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥ जय०॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ॥ क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी। मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥ जय०॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ॥ मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी । लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥ जय०॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ॥ देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी । विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥जय०॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ॥

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