श्री वैष्णो देवी आरती (२)
जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता, हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता, जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ॥ शीश पे छत्र बिराजे, मूरतिया प्यारी, गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी, जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ॥ ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे, सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे, जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ॥ सुंदर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे, बार-बार देखन को, ऐ मां मन चावे, जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ॥ भवन पे झण्डे झूले, घंटा ध्वनि बाजे, ऊंचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे, जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ॥ पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा, दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा, जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ॥ जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे, उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे, जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ॥ इतनी स्तुति निशदिन, जो नर भी गावे, कहते सेवक ध्यानू, सुख संपति पावे, जै वैष्णो माता, मैया जै वैष्णो माता ॥