श्री विष्णु आरती (१)
श्री रामकृष्ण गोपाल दामोदर, नारायण नरसिंह हरी । जहां-जहां भीर पड़ी भक्तों पर, तहां-तहां रक्षा आप करी ॥ श्री रामकृष्ण… भीर पड़ी प्रहलाद भक्त पर, नरसिंह अवतार लिया । अपने भक्तों की रक्षा कारण, हिरणाकुश को मार दिया ॥ श्री रामकृष्ण… होने लगी जब नग्न द्रोपदी, दु:शासन चीर हरण किया । अरब-खरब के वस्त्र देकर आस पास प्रभु फिरने लगे ॥ श्री रामकृष्ण… गज की टेर सुनी मेरे मोहन तत्काल प्रभु उठ धाये । जौ भर सूंड रहे जल ऊपर, ऐसे गज को खेंच लिया ॥ श्री रामकृष्ण… नामदेव की गउआ बाईया, नरसी हुण्डी को तारा । माता-पिता के फन्द छुड़ाये, हाँ! कंस दुशासन को मारा ॥ श्री रामकृष्ण… जैसी कृपा भक्तों पर कीनी हाँ करो मेरे गिरधारी । तेरे दास की यही भावना दर्श दियो मैंनू गिरधारी ॥ श्री रामकृष्ण… श्री रामकृष्ण गोपाल दामोदर, नारायण नरसिंह हरि । जहां-जहां भीर पड़ी भक्तों पर वहां-वहां रक्षा आप करी ॥