श्री राम आरती (५)

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं । नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं ॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं । श्री राम श्री राम… कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनीलनीरद सुन्दरं । पट पीत मानहु तडीत रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं ॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं । श्री राम श्री राम… भजु दीनबंधु दिनेश दानवदै त्यवंशनिकंदनं । रघुनंद आंनदकंद कोशलचंद दशरथनंदनं ॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं । श्री राम श्री राम… सिर मुकुट कूंडल तिलक चारु उदारु अंग विभुषणं । आजानु भुजा शरा चाप धरा, संग्राम जित खर दुषणं ॥ भुजा शरा चाप धरा, संग्राम जित खर दुषणं । श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं श्री राम श्री राम… इति वदित तुलसीदास शंकरशेषमुनिमनरंजनं । मम ह्रदयकंजनिवास कुरु, कमदि खल दल गंजनं ॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं । नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं ॥ श्री राम श्री राम…

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