श्री गणेश आरती (१)
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी । पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ अँधे को आँख देत कोढ़िन को काया बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया । 'सूर' श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥