श्री गंगा मंत्र (२)
ॐ गङ्गायै नमः। ॥१॥ ॐ त्रिपथगादेव्यै नमः। ॥२॥ ॐ शम्भुमौलिविहारिण्यै नमः। ॥३॥ ॐ जाह्नव्यै नमः। ॥४॥ ॐ पापहन्त्र्यै नमः। ॥५॥ ॐ महापातकनाशिन्यै नमः। ॥६॥ ॐ पतितोद्धारिण्यै नमः। ॥७॥ ॐ स्रोतस्वत्यै नमः। ॥८॥ ॐ परमवेगिन्यै नमः। ॥९॥ ॐ विष्णुपादाब्जसम्भूतायै नमः। ॥१०॥ ॐ विष्णुदेहकृतालयायै नमः। ॥११॥ ॐ स्वर्गाब्धिनिलयायै नमः। ॥१२॥ ॐ साध्व्यै नमः। ॥१३॥ ॐ स्वर्णद्यै नमः। ॥१४॥ ॐ सुरनिम्नगायै नमः। ॥१५॥ ॐ मन्दाकिन्यै नमः। ॥१६॥ ॐ महावेगायै नमः। ॥१७॥ ॐ स्वर्णशृङ्गप्रभेदिन्यै नमः। ॥१८॥ ॐ देवपूज्यतमायै नमः। ॥१९॥ ॐ दिव्यायै नमः। ॥२०॥ ॐ दिव्यस्थाननिवासिन्यै नमः। ॥२१॥ ॐ सुचारुनीररुचिरायै नमः। ॥२२॥ ॐ महापर्वतभेदिन्यै नमः। ॥२३॥ ॐ भागीरथ्यै नमः। ॥२४॥ ॐ भगवत्यै नमः। ॥२५॥ ॐ महामोक्षप्रदायिन्यै नमः। ॥२६॥ ॐ सिन्धुसङ्गगतायै नमः। ॥२७॥ ॐ शुद्धायै नमः। ॥२८॥ ॐ रसातलनिवासिन्यै नमः। ॥२९॥ ॐ महाभोगायै नमः। ॥३०॥ ॐ भोगवत्यै नमः। ॥३१॥ ॐ सुभगानन्ददायिन्यै नमः। ॥३२॥ ॐ महापापहरायै नमः। ॥३३॥ ॐ पुण्यायै नमः। ॥३४॥ ॐ परमाह्लाददायिन्यै नमः। ॥३५॥ ॐ पार्वत्यै नमः। ॥३६॥ ॐ शिवपत्न्यै नमः। ॥३७॥ ॐ शिवशीर्षगतालयायै नमः। ॥३८॥ ॐ शम्भोर्जटामध्यगतायै नमः। ॥३९॥ ॐ निर्मलायै नमः। ॥४०॥ ॐ निर्मलाननायै नमः। ॥४१॥ ॐ महाकलुषहन्त्र्यै नमः। ॥४२॥ ॐ जह्नुपुत्र्यै नमः। ॥४३॥ ॐ जगत्प्रियायै नमः। ॥४४॥ ॐ त्रैलोक्यपावन्यै नमः। ॥४५॥ ॐ पूर्णायै नमः। ॥४६॥ ॐ पूर्णब्रह्मस्वरूपिण्यै नमः। ॥४७॥ ॐ जगत्पूज्यतमायै नमः। ॥४८॥ ॐ चारुरूपिण्यै नमः। ॥४९॥ ॐ जगदम्बिकायै नमः। ॥५०॥ ॐ लोकानुग्रहकर्त्र्यै नमः। ॥५१॥ ॐ सर्वलोकदयापरायै नमः। ॥५२॥ ॐ याम्यभीतिहरायै नमः। ॥५३॥ ॐ तारायै नमः। ॥५४॥ ॐ पारायै नमः। ॥५५॥ ॐ संसारतारिण्यै नमः। ॥५६॥ ॐ ब्रह्माण्डभेदिन्यै नमः। ॥५७॥ ॐ ब्रह्मकमण्डलुकृतालयायै नमः। ॥५८॥ ॐ सौभाग्यदायिन्यै नमः। ॥५९॥ ॐ पुंसां निर्वाणपददायिन्यै नमः। ॥६०॥ ॐ अचिन्त्यचरितायै नमः। ॥६१॥ ॐ चारुरुचिरातिमनोहरायै नमः। ॥६२॥ ॐ मर्त्यस्थायै नमः। ॥६३॥ ॐ मृत्युभयहायै नमः। ॥६४॥ ॐ स्वर्गमोक्षप्रदायिन्यै नमः। ॥६५॥ ॐ पापापहारिण्यै नमः। ॥६६॥ ॐ दूरचारिण्यै नमः। ॥६७॥ ॐ वीचिधारिण्यै नमः। ॥६८॥ ॐ कारुण्यपूर्णायै नमः। ॥६९॥ ॐ करुणामय्यै नमः। ॥७०॥ ॐ दुरितनाशिन्यै नमः। ॥७१॥ ॐ गिरिराजसुतायै नमः। ॥७२॥ ॐ गौरीभगिन्यै नमः। ॥७३॥ ॐ गिरिशप्रियायै नमः। ॥७४॥ ॐ मेनकागर्भसम्भूतायै नमः। ॥७५॥ ॐ मैनाकभगिनीप्रियायै नमः। ॥७६॥ ॐ आद्यायै नमः। ॥७७॥ ॐ त्रिलोकजनन्यै नमः। ॥७८॥ ॐ त्रैलोक्यपरिपालिन्यै नमः। ॥७९॥ ॐ तीर्थश्रेष्ठतमायै नमः। ॥८०॥ ॐ श्रेष्ठायै नमः। ॥८१॥ ॐ सर्वतीर्थमय्यै नमः। ॥८२॥ ॐ शुभायै नमः। ॥८३॥ ॐ चतुर्वेदमय्यै नमः। ॥८४॥ ॐ सर्वायै नमः। ॥८५॥ ॐ पितृसन्तृप्तिदायिन्यै नमः। ॥८६॥ ॐ शिवदायै नमः। ॥८७॥ ॐ शिवसायुज्यदायिन्यै नमः। ॥८८॥ ॐ शिववल्लभायै नमः। ॥८९॥ ॐ तेजस्विन्यै नमः। ॥९०॥ ॐ त्रिनयनायै नमः। ॥९१॥ ॐ त्रिलोचनमनोरमायै नमः। ॥९२॥ ॐ सप्तधारायै नमः। ॥९३॥ ॐ शतमुख्यै नमः। ॥९४॥ ॐ सगरान्वयतारिण्यै नमः। ॥९५॥ ॐ मुनिसेव्यायै नमः। ॥९६॥ ॐ मुनिसुतायै नमः। ॥९७॥ ॐ जह्नुजानुप्रभेदिन्यै नमः। ॥९८॥ ॐ मकरस्थायै नमः। ॥९९॥ ॐ सर्वगतायै नमः। ॥१००॥ ॐ सर्वाशुभनिवारिण्यै नमः। ॥१०१॥ ॐ सुदृश्यायै नमः। ॥१०२॥ ॐ चाक्षुषीतृप्तिदायिन्यै नमः। ॥१०३॥ ॐ मकरालयायै नमः। ॥१०४॥ ॐ सदानन्दमय्यै नमः। ॥१०५॥ ॐ नित्यानन्ददायै नमः। ॥१०६॥ ॐ नगपूजितायै नमः। ॥१०७॥ ॐ सर्वदेवाधिदेवैः परिपूज्यपदाम्बुजायै नमः। ॥१०८॥