श्री कृष्ण आरती (१)
भगवान नटवर जी की जय-जय गिरिधारी प्रभु, जय-जय गिरिधारी। दानव-दल बलिहारी, गो-द्विज हितकारी॥ जय… जय गोविन्द दयानिधि, गोवर्धन-धारी। वंशीधर बनवारी, ब्रज-जन प्रियकारी॥ जय… गणिका-गीध- अजामिल-गजपति-भयहारी। आरत-आरति-हारी, जय मंगल-कारी॥ जय… गोपालक, गीतेश्वर, द्रौपदी-दु:खहारी। शबर-सुता-सुखकारी, गौतम-तिय तारी॥ जय… जन-प्रहलाद-प्रमोदक, नरहरि-तनुधारी। जन-मन-र†जनकारी, दिति-सुत-संहारी॥ जय… टिट्टिभ-सुत संरक्षक, रक्षक मंझारी। पाण्डु-सुवन-शुभकारी, कौरव-मद-हारी॥ जय… मन्मथ-मन्मथ मोहन, मुरली-रव-कारी। वृन्दाविपिन-बिहारी, यमुना-तट-चारी॥ जय… अघ-बक-बकी उधारक, तृणावर्त-तारी। विधि-सुरपति मदहारी, कंस-मुक्तिकारी॥ जय…